राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने चीफ जस्टिस के खिलाफ़ लाए विपक्ष के प्रस्ताव को खारिज करने के फैसले को ठहराया सही, कहा- नोटिस को स्वीकार करने या खारिज करने का सभापति को पूरा अधिकार, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी सभापति का किया समर्थन, कहा- फैसले को न्यायिक समीक्षा के लिये आगे ले जाना कांग्रेस के लिए होगा आत्मघाती।

मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग लाने की विपक्ष की नाकाम कोशिश के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर हमला बोला। अरुण जेटली ने कहा की वकालत के पेशे से सांसद बने नेता, न्यायपालिका के आतंरिक विवादों को संसदीय प्रकिया के तहत खींच रहे है। इस बीच राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने महाभियोग नोटिस को खारिज करने के अपने निणय को सही ठहराया।
विपक्ष के प्रस्ताव को खारिज करने पर सभापति का बयान देश के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा को हटाने के विपक्ष के नोटिस को ख़ारिज करने के एक दिन बाद राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने अपने फैसले को सही ठहराया है। सूत्रों के मुताबिक सभापति ने कहा कि इस बारे में उनका फ़ैसला
विस्तृत अध्ययन के बाद लिया गया निर्णय है न कि जल्दबाज़ी में लिया गया। फैसले पर कांग्रेस पाटी के एतराज को लेकर राज्यसभा के सभापति ने साफ तौर कहा कि जजेज जांच अधिनियम 1968 ,सभापति को नोटिस को स्वीकार करने या न करने का अधिकार देता है। वेंकैया नायडू ने साफ कहा है कि सभापति का कार्यालय संवैधानिक है न कि महज पोस्ट आफिस और इस तरह के नोटिस को स्वीकार करने या खारिज करने का उसे पूरा अधिकार है।
इस बीच राज्यसभा में सदन के नेता अरुण जेटली ने भी सभापति के फैसले का समर्थन करते हुए कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है । अपने फेसबुक पोस्ट में अरूण जेटली ने कहा कि इस तरह के किसी भी नोटिस को मंज़ूर करना या न करना सदन के सभापति या स्पीकर के विवेक पर निर्भर करता है। अरूण जेटली ने कहा कि कांग्रेस द्वारा महाभियोग के लिए बनाया गया मसौदा काफी कमजोर था और ये गलत धारणा पर आधारित था। जेटली ने कहा है कि एक नई तरह की बात इन दिनों देखने को मिल रही है कि वकालत के पेशे से सांसद बने नेता ,न्यायपालिका के आतंरिक विवादों को संसदीय प्रकिया के तहत खींच रहे है। उन्होने साफ कहा कि इस मामले में ये बिल्कुल साफ था कि महाभियोग प्रस्ताव दो तिहाई बहुमत से पारित होने वाला नही है फिर भी न्यायपालिका को डराने के लिये इसका नोटिस दिया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि संसद अपने अधिकार क्षेत्र में सवोच्च है । उन्होंने कांग्रेस पार्टी को आगाह करते हुये कहा है कि इस मामले में अपनाई गई संसदीय प्रकिया को न्यायिक समीक्षा के लिये आगे ले जाना एक और बड़ी और आत्मघाती गलती होगी।
गौरतलब है कि सोमवार को ही वेंकैया नायडू ने कई संविधान विशेषज्ञों से इस मसले पर विचार विमर्श के बाद चीफ जस्टिस के खिलाफ विपक्ष के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था।