राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चों के साथ दुष्कर्म के दोषियों को मृत्युदंड सहित कठोर प्रावधान वाले आपराधिक क़ानून संशोधन अध्यादेश 2018 को मंज़ूरी दे दी है।
आपराधिक कानून संशोधन अध्यादेश -2018 के मुताबिक 16 वर्ष से कम उम्र की लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले मंक न्यूनतम सजा की अवधि 10 वर्ष से बढ़ाकर 20 वर्ष कर दी गई है। इसे और बढ़ाकर आजीवन कारावास में तब्दील किया जा सकता है। अध्यादेश के प्रावधानों के अनुसार दुष्कर्म संबंधी सभी मामलों की जांच दो महीने के भीतर हर हाल में पूरी करनी होगी। इतना ही नहीं 16 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के साथ दुष्कर्म के किसी भी मामले में आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं मिल सकेगी। दरअसल बाल यौन अपराध संरक्षण क़ानून में संशोधन के लिए शनिवार को केंद्रीय कैबिनेट द्वारा यह अध्यादेश लाया गया था।
