देश में बच्चियों के प्रति अपराधो पर उपराष्ट्रपति ने चिंता व्यक्त की है. इससे पहले राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी महिलाओं के प्रति अत्याचार पर गहरा रोष व्यक्त कर चुके है। उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
मासूम बच्चियों के साथ बढ़ते दुराचार के मामलों को लेकर उपराष्ट्रपति एम वेकैंया नायडू ने चिंता व्यक्त करते हुए इसकी कड़ी निन्दा की । हरियाणा में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के 31वें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत में महिलाओं का गौरवशाली इतिहास रहा है। देश को आगे ले जाने में उनका बड़ा योगदान रहा है।
उपराष्ट्रपति ने लगभग दो हजार छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत विश्व का सबसे युवा देश है। इस देश में करीब 65 प्रतिशत युवा शक्ति है इसलिए इस युवा शक्ति का सदुपयोग कर राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया को गति दी जा सकती है। 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुई हिंसा का जिक्र करते हुए उर्न्होंने कहा कि हर व्यक्ति को शातिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने व आदोलन करने का हक है। हिंसात्मक रूप से आदोलन करने का मतलब देश को गर्त में ले जाना है और यह ठीक नहीं है।
समारोह में वर्ष 2016-17 सत्र के 106 विद्यार्थियों को पीएचडी, 35 को एमफिल सहित 2495 विद्यार्थियों को विभिन्न संकायों में डिग्रियां प्रदान की गई । समारोह में हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी, राज्य के शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा और कुरुक्षेत्र विश्वविधालय के कुलपति डॉ. कैलाश चन्द्र शर्मा सहित कई गणमान्य लोग भी मौजूद थे।
