प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज करेंगे 16वें अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा मंच का उद्धाटन, ऊर्जा खपत, उत्पादक और पारगमन वाले देशों की सबसे बड़ी बैठक का मकसद सदस्य देशों के बीच साझा ऊर्जा हितों की द्विपक्षीय समझ और जागरूकता को बढ़ावा देना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 16 वें अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा मंच का उद्घाटन करेंगे। आईईएफ 16 दुनिया भर के ऊर्जा मंत्रियों , उद्योगपतियों और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों का सबसे बड़ा सम्मेलन है जिसमें वैश्विक ऊर्जा के भविष्य पर चर्चा होगी। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा मंच का मकसद सदस्य देशों के बीच साझा ऊर्जा हितों वाले द्विपक्षीय समझ और जागरूकता को बढ़ावा देना है।
भारत में दुनिया भर के ऊर्जा नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक इस हफ्ते होने जा रही है। वर्ल्ड एनर्जी फोरम के मंच पर ऊर्जा जरुरतों औऱ इसके भविष्य की चुनौतियों से जुड़े सभी मुद्दो पर राजनीतिक और तकनीकी दोनों स्तरों पर अनौपचारिक संवाद किया जाता है। इस मंच पर ऊर्जा उत्पादक और उपभोक्ता दोनों देश अपने अनुभव और वेशेषज्ञता को साझा करते हैं और आनेवाले दिनो के लिये विश्व की ऊर्जा नीति की रुपरेखा तैयार होती हैं।
42 देशों के पेट्रोलियम मंत्री बैठक में भाग लेंगे। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी औपचारिक रूप से 11 अप्रैल को बैठक का उद्घाटन करेंगे। फ़ोरम ने भारत को अपने सहयोगियों देशों के साथ अपने हितों पर चर्चा करने का एक अच्छा अवसर दिया है। भारत अपने स्रोतों से तेल और गैस के दाम बिना किसी भेदभाव के तय करने की मांग करता रहा है। उम्मीद है कि इस पेट्रोलियम मुद्दे की कीमतों से जु़ड़े मुद्दे भारत इस मंच पर उठा सकता है।
आईईएफ के सदस्यों में 72 देश शामिल हैं, और यहां से दुनिया भर में तेल और गैस की लगभग 90% आपूर्ति मांग भी आती है। भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है और इसके उच्च गति की विकास दर को कायम रखने के चलते आनेवाले दिनो में कच्चे तेल की वैश्विक मांग में और भी तेजी आने का अनुमान है। इसके अलावा, बैठक के दौरान भारत अपने पारंपरिक ऊर्जा साझीदारों के साथ सहयोग के मुद्दों पर चर्चा आगे बढ़ाने पर भी काम कर सकता है।
ईरान के ऊर्जा मंत्री बीजन झांगनेहे भी आईईएफ में हिस्सा लेने आ रहे हैं और इस दौरान भारत ईरान के बीच फरजाद-बी तेल क्षेत्र पर चर्चा हो सकती है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस 12 तारीख को सत्र के समापन सत्र को संबोधित करेंगी। सदस्य देशों के अलावा, भारत ने उन 20 देशों को भी आमंत्रित किया है जिनके साथ भारत की पेट्रोलियम क्षेत्र में साझेदारी है। आईईएफ़, एक महीने से भी कम समय में राजधानी में ऊर्जा क्षेत्र का दूसरा बड़ा सम्मेलन है। भारत ने मार्च में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन शिखर सम्मेलन की मेजबानी भी की थी।
