रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने सीआईआई के वार्षिक सम्मेलन को किया संबोधित। कहा केन्द्र सरकार की कोशिश है कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में मेक इन इंडिया के जरिये विनिर्माण को बढ़ावा दिया जाए और रोजगार को बढ़ावा मिले।

केन्द्र सरकार की कोशिश है कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में मेक इन इंडिया के जरिये विनिर्माण को बढ़ावा दिया जाए और रोजगार को बढ़ावा मिले। सीआईआई के वार्षिक सम्मेलन में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने सरकार के इस प्रयास को पुरज़ोर तरीके से सामने रखा। रक्षामंत्री ने रक्षा क्षेत्र में खरीदारी के लिए फंडिंग को और आसान बनाए जाने का आश्वासन भी दिया।
25 सितम्बर, 2014 को भारत सरकार ने भारत के विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देष्य से ‘मेक इन इंडिया’ पहल की शुरुआत की.तब से अब तक.देश में स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देने और भारत को रक्षा उपकरणों के निर्यातक के तौर पर स्थापित करने के लिए कई अहम कदम उठाए गये हैं। सोमवार को सीआईआई की वार्षिक आम बैठक के उद्घाटन सत्र में सुरक्षा क्षेत्र में स्वदेशी निर्माण के महत्व पर जोर देते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में स्थानीय विनिर्माण उद्योग को बढ़वा देने के लिए विशेष सुविधाएं देने की जरुरत है। साथ ही रक्षा मंत्री ने रक्षा क्षेत्र में खरीदारी के लिए फंडिंग को और आसान बनाए जाने का आश्वासन भी दिया
मंगलवार से शुरू हो रहे डिफेंस एक्सपो से ठीक पहले रक्षामंत्री ने इस सम्मेलन में नई रक्षा उत्पादन नीति के जल्द आने की उमीद जताई। इस नीति के तहत रक्षा उत्पादन नीति भारत को 2025 तक 35,000 करोड़ के निर्यात के साथ विश्व के सर्वोच्च रक्षा उत्पादक देशों में शुमार करना है तब तक रक्षा व्यापार 1.7 ट्रिलियन होने की उम्मीद है, 1,70,000 करोड़ के निवेश के साथ 2025 तक 20 से 30 लाख लोगों को रोज़गार के अवसर भी उपलब्ध हो सकते हैंइस नई नीति में सीधे मंजूरी की एफ डी आई को 75% तक बढ़ाना भी प्रस्तावित है। रक्षामंत्री ने तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में बन रहे डिफेन्स कॉरिडोर का ज़िक्र करते हुए उद्योग जगत को आश्वासन भी दिया की रक्षा ज़रूरतों को ध्यान में रख कर किया गया उत्पादन व्यर्थ नहीं जाएगा। यही नहीं द्विपक्षीय वार्ताओं में भी सरकार स्वदेशी पहलू पर ज़ोर देती है। वहीं वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा की भारत 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, निजी क्षेत्र की समस्याएँ हमारी समस्याएँ हैं और और सरकार भी निजी क्षेत्र के साथ मिलकर नये भारत के निर्माण के लिए कार्य कर रही है। सुरेश प्रभु ने देश की जीडीपी बढ़ाने के लिये जिला और राज्य स्तर पर जीडीपी बढ़ाने की ओर जोर दिया। उन्होंने रोजगार सृजन के मकसद से सेवा क्षेत्र और स्टार्ट-अप को प्रोत्साहन देने पर जोर दिया।
इस मौके पर मौजूद उद्योगपतियों ने उद्योगों को बढावा देने के सरकार के प्रयासों की सराहना की। CII के वार्षिक सत्र के अवसर पर बेहतर भारत के निर्माण विषय पर अपने विचार साझा करते हुए शहरी विकास मंत्री हरदीप पूरी ने कहा की विकास की महत्वाकांक्षी योजनाओं की सफलता के लिए निजी क्षेत्र के साथ साथ नागरिक समाज की भागीदारी भी अहम है.आज जब 30% भारत शहरों में रहता है तो सरकार ‘ ईज़ ऑफ लिविंग पर ध्यान दे रही है। सीआईआई देश के उद्योगपतियों का बड़ा मंच है। इस मंच के माध्यम से उद्योग जगत के लोग समय समय पर अपने अनुभव और जरूरतों को साझा करते हैं। इस वार्षिक सत्र में व्यापार जगत की हस्तियों ने जो संकेत दिये हैं उससे भारत की आर्थिक तरक्की की सुगम तस्वीर साफ है।