National/International

अमेरिका का बड़ा फैसला, हाफिज सईद की पार्टी को आतंकी संगठन घोषित किया

पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव से पहले अमेरिका ने मंगलवार को जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद की पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) को विदेशी आतंकी संगठन करार दिया है। हाल ही में सईद ने मिल्ली मुस्लिम लीग नाम से राजनीतिक पार्टी बनाई है। एमएमएल के केंद्रीय नेतृत्व में शामिल सात सदस्यों को यूएस ने विदेशी आतंकी करार दिया है। अमेरिका ने तहरीक-ए-आजादी-ए-कश्मीर (टीएजेके) को भी आतंकी संगठनों की सूची में डाला है। ट्रंप प्रशासन के अनुसार टीएजेके लश्कर-ए-तैयबा का चेहरा माना जाता है जो पाकिस्तान में लगातार स्वतंत्र रूप से काम कर रहा है। 

अमेरिका ने यह कदम उस समय उठाया है जब पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने एमएमएल से एक राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण का प्रमाण पत्र देने के लिए कहा है। इससे पहले चुनाव आयोग ने एमएमएल को राजनीतिक पार्टी के तौर पर मंजूरी देने से मना कर दिया था। इसकी वजह आंतरिक मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के साथ संबंधों पर आपत्ति जताना था।

अमेरिका के राज्य विभाग का कहना है कि यह कदम इस उद्देश्य से उठाया गया है ताकि इससे लश्कर के संसाधनों को नकार दिया जाए जिससे कि वह आतंकी हमले का प्लान ना बना सके। राज्य विभाग में आतंकवाद प्रतिरोधक नाथन सेल्स का कहना है- एमएमएल और टीएजेके दोनों लश्कर का चेहरा हैं और इन्हें इसके खिलाफ प्रतिबंधों को नाकाम करने के लिए बनाया गया। आज के संशोधनों का लक्ष्य प्रतिबंधों को  बाधित करने और उसके वास्तविक धोखा देने के चरित्र के बारे में जनता को बताने का प्रयास करना है।

सेल्स ने आगे कहा- कोई गलती ना करें। लश्कर खुद को कुछ भी कह सकता है लेकिन वह रहेगा हिंसक आतंकी संगठन ही। यूएस उन सभी प्रयासों का समर्थन करेगा जिसके जरिए उसे राजनीतिक आवाज बनने से रोका जाए। यह कोशिश तब तक जारी रहेगी जब तक वह हिंसा को छोड़ नहीं देता। लश्कर की संपत्ति और रुचियां जो अमेरिकी अधिकार क्षेत्र में आती हैं उनपर रोक लगा दी गई है। यूएस के नागरिकों को कहा गया है कि वह इस संगठन के साथ किसी भी तरह के लेन-देन में शामिल ना हों।

राज्य विभाग ने कहा- लश्कर पाकिस्तान में आराम से काम कर रहा है। जिसमें पब्लिक रैलियां करना, फंड जुटाना और आतंकियों को ट्रेनिंग दिलाना शामिल है। लश्कर को विदेशी आतंकी संगठन और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) संगठन 26 दिसंबर 2001 को नामित किया गया था। इस संगठन के मुखिया हाफिज सईद भी एसडीजीटी हैं। डिपार्टमेंट का आरोप है कि प्रतिबंध से बचने के लिए लश्कर लगातार सालों से अपने नाम को बदल रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *