नई दिल्ली। ब्रह्मांड के रहस्यों को बताने वाले वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का निधन हो गया है। वह 76 साल के थे। उनके निधन की जानकारी उनके घरवालों ने दी। उनका निधन लंदन के कैंब्रिज में उनके घर पर हुआ। हॉकिंग मोटर न्यूरोन नाम की लाइलाज बिमारी से गुजर रहे थे। हॉकिंग के बच्चों ने कहा कि वह एक महान वैज्ञानिक होने के साथ ही एक शानदार व्यक्ति थे। उनके काम और विरासत हमेशा जिंदा रहेंगे।
ब्लैक होल और बैंग सिद्धांत को समझने में स्टीफन हॉकिंग का अहम योगदान है। हॉकिंग को उनके बेहतरीन काम के लिए सबसे उच्च नागरीक का सम्मान भी मिल चुका है। ब्रह्मांड के रहस्यों पर उनकी किताब ‘अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम’ भी काफी चर्चा में रही थी। इसके इलावा हॉकिंग ने द ग्रैंड डिजाइन, यूनिवर्स इन नटशेल, माई ब्रीफ हिस्ट्री, द थ्योरी ऑफ एवरीथिंग जैसी कई प्रसिद्ध किताबें लिखीं।
स्टीफन हॉकिंग के दिमाग को छोड़कर उनके शरीर का कोई भी अंग काम नहीं करता था। इसके बावजूद साइंस की दुनिया में हॉकिंग अपनी एक अलग पहचान बनाने में कामयाब रहे। स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी 1942 को इंगलैंड के ऑक्सफोर्ड में हुआ था। हॉकिंग ने बिग बैंग को लेकर वो राज खोला था, जिसे पूरी दुनिया बरसों से जानना चाहती थी। उनके पास 12 मानद डिग्रियां थी। उन्होंने हॉकिंग रेडिएशन, पेनरोज हॉकिंग थियोरम्स, बेकेस्टीन-हॉकिंग फॉर्मूला जैसे कई अहम सिद्धांत दुनिया को दिए। हॉकिंग के कार्य कई रिसर्च के बेस बने।