लोकसभा में भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर लगाम कसने से संबंधित बिल, भगोड़ा आर्थिक अपराध विधेयक, 2018 पेश किया गया। इस विधेयक के तहत आर्थिक अपराध कर विदेश भागने वाले लोगों की बेनामी संपत्तियों को जब्त करने तथा भारत से बाहर की संपत्तियों को संबंधित देश के सहयोग से जब्त किये जाने में मदद मिलेगी।
दरअसल ये कानून बैंकों को हजारों करोड़ का चूना लगाकर फरार चल रहे नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसे भगोड़ों से निपटने के लिए लाया जा रहा है । इस विधेयक के जरिए न केवल ऐसे अपराधियों पर सख्ती होगी और उन्हें कानून के दायरे में लाया जा सकेगा बल्कि भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित होने पर उनकी बेनामी संपत्ति भी जब्त हो सकेगी । केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिवप्रताप शुक्ल ने साथ ही चिटफंड विधेयक को भी सदन में पेश किया
आर्थिक अपराधों को अंजाम देने के बाद विदेश भाग जाने जैसी घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र सरकार नया कानून बना रही है । सोमवार को वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने लोकसभा में भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक, 2018 पेश किया । इसमें आर्थिक अपराध से संबंधित दंडनीय कार्यवाही प्रारंभ होने की संभावना या इन कार्यवाहियों के लंबित रहने के दौरान आरोपियों के देश छोड़कर चले जाने की समस्या का समाधान निकालने का खाका तैयार किया गया है।
”ऐसे अनेक मामले सामने आये हैं जिसमें लोग आर्थिक अपराध की दंडनीय कार्यवाही शुरू होने की संभावना में या कभी कभी कार्रवाईयों के लंबित रहने के दौरान भारतीय अदालतों के अधिकार क्षेत्र से पलायन कर गये हैं। इस समस्या का समाधान करने के लिए और आर्थिक अपराधियों को भारतीय कानूनी प्रक्रिया से बचने से हतोत्साहित करने के उपाय के लिए भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक, 2018 अधिनियमित करने का प्रस्ताव है।”
दरअसल ये कानून बैंकों को हजारों करोड़ का चूना लगाकर फरार चल रहे नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसे भगोड़ों से निपटने के लिए लाया जा रहा है । इस विधेयक के जरिए न केवल ऐसे अपराधियों पर सख्ती होगी और उन्हें कानून के दायरे में लाया जा सकेगा बल्कि भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित होने पर उनकी बेनामी संपत्ति भी जब्त हो सकेगी । विधेयक के प्रावधानों की बात करें तो –
कानून के जरिए आर्थिक अपराधियों को भारत वापस आने के लिए बाध्य किया जाएगा और वो कानूनी सामना करने के लिए बाध्य होंगे। कुल 100 करोड़ रुपए अथवा अधिक मूल्य के ऐसे आर्थिक अपराध इस विधेयक के कार्यक्षेत्र के अंतर्गत आएंगे। इसमें सबसे पहले कोर्ट से उस व्यक्ति को भगोड़ा घोषित किया जाएगा. । देश वापस आकर कानून का सामना न करने की हालत में उसकी देशी-विदेशी संपत्ति को कुर्क की जाएगी । विदेशों में भी संपत्ति जब्त करने का अधिकार होगा, लेकिन उन देशों से सरकार को पहले बात करनी होगी.किसी भगोड़े आर्थिक अपराधी की कोई सिविल दावा करने या बचाव करने की हकदारी नहीं होने का भी प्रावधान है। कानून के तहत जब्त की गई संपत्ति के प्रबंधन व निपटान के लिए एक प्रशासन की नियुक्ति की जाएगी। जांच एजेंसियों को भगोड़े अपराधियों की संपत्ति के सर्वेक्षण ,तलाशी और जब्ती का भी अधिकार होगी ।
कुल मिलाकर ये एक ऐसा कानून है जिससे आर्थिक अपराधियों के भारतीय अदालतों के दायरे से बचे रहना मुमकिन नहीं रहेगा. । इसके जरिए बैंकों को न केवल अपनी रकम वसूलने में मदद मिलेगी बल्कि ऐसी संस्थाओं की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा।
