उत्तर-पूर्व के 3 राज्यों में विधानसभा चुनाव के शनिवार को आए नतीजों के बाद अब सरकार बनाने की कवायद तेज़ हो गई है. तीनों राज्यों में अब सरकार की तस्वीर साफ़ हो गई है. मेघालय की 60 सदस्यों की विधानसभा में एनपीपी ने 34 विधायकों के समर्थन का दावा किया है. वहीं नगालैंड की कमान नेफियु रियु के हाथों में होगी.
उत्तर-पूर्व के तीनों राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद अब सरकार बनाने की कवायद शुरू हो गई है. मेघालय में रविवार को दिनभर चली कवायद के बाद सबकी नज़रें राजभवन पर लगी थीं. शाम होते-होते तस्वीर साफ हो गई कि मेघालय में एनपीपी के नेतृत्व में सरकार बनेगी. एनपीपी के 19 विधायक हैं. शपथ के लिए 6 मार्च का दिन तय किया गया है.
मेघालय में एनपीपी के कॉनराड संगमा मुख्यमंत्री होंगे. राज्य में कोई उपमुख्यमंत्री नहीं होगा. सारे घटनाक्रम से साफ हो गया है कि राज्य में कांग्रेस को विपक्ष में बैठना होगा.
नगालैंड में भी सरकार बनाने की कवायद तेज़ हो गई है. नगालैंड में एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नेफियु रियु ने राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया. रियु ने कोहिमा में राज्यपाल बीपी आचार्य से राजभवन में भेंट की और उन्हें भाजपा, जनता दल युनाइटेड और निर्दलीय विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा. विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राम माधव और जनता दल युनाइटेड के नवनिर्वाचित विधायक और निर्दलीय विधायक तोंगपांग की मौजूदगी में सौंपा गया.
त्रिपुरा में 25 साल सरकार चलाने वाले माणिक सरकार ने इस्तीफ़ा दे दिया. केंद्र सरकार का उत्तर-पूर्व पर ख़ास फ़ोकस रहा है. जब से केंद्र में एनडीए सरकार आई है, पूर्वोत्तर के राज्यों के विकास के पर ख़ास ध्यान दिया गया है. जिसका असर विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिला, जहां त्रिपुरा में 25 साल के लेफ्ट के शासन को नकार कर भाजपा ने लंबी छलांग लगाई है.
