मालदीव सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नाशीद को रिहा करने के आदेश के बाद राष्ट्रपति अब्दुला यामीन के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं। ये लोग राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, क्योंकि यामीन ने अब तक अदालत के फैसले का पालन नहीं किया है।
मालदीव में सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच टकराव और गंभीर होता जा रहा है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि बीते गुरुवार को विपक्ष के नौ नेताओं को छोड़ने के उसके आदेश को अमले में लाया जाना चाहिए। सरकार के विरोधी रवैये के बीच मुख्य न्यायाधीश ने अपनी जान को खतरा बताया है।

मालदीव सरकार ने कल विपक्षी ताकतों पर काबू पाने के लिए संसद के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। विपक्षी मालदीव यूनाइटेड ने जोर देकर कहा है कि राष्ट्रपति यामीन अवैध ढ़ंग से देश पर शासन कर रहे हैं। दोनों सांसदों को स्वदेश पहुंचने पर हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया। ये दोनों सांसद सुप्रीम कोर्ट द्वारा बहाल 12 सांसदों के समूह में शामिल हैं। विपक्षी सांसदों ने कल संसद परिसर में घुसने की कोशिश की। लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया। वे संसद अध्यक्ष के विरूद्ध लंबित अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करना चाहते थे। लेकिन सरकार ने पहले ही संसद का अधिवेशन स्थगित कर दिया था।
इसबीच मालदीव की राजधानी माले में सेना धीरे-धीरे सुरक्षा का जिम्मा ले रही है और ऐसी आशंका है कि हालत बेकाबू होने पर राष्ट्रपति आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं। सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इस बीच राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन शुरू हो गये है और लोग सड़कों पर उतर आए हैं। विपक्ष ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को लागू करने से इंकार करने के लिए अटोर्नी जनरल, गृहमन्त्री और रक्षामन्त्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है।

