ताइपेइ: चीन के निरंतर बढ़ते सैन्य अभ्यास को अपनी सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताते हुए ताइवान ने चीन को चेतावनी दी है. उसने कहा है कि वह चीन को रोकने के लिए असंयमित युद्ध की एक योजना पर गंभीरता से विचार कर रहा है. ताइवान ने यह चेतावनी एक वार्षिक रक्षा समीक्षा रिपोर्ट जारी करने के दौरान दी.

पिछले साल ताइवान के राष्ट्रपति साई इंग-वेन के पद संभालने के बाद से चीन ने द्वीप के आसपास सैन्य अभ्यास तेज कर दिए हैं. इसका कारण है कि वेन ने दोनों क्षेत्रों को ‘एक चीन’ का हिस्सा मानने से इनकार कर दिया था.
ताइवान के रक्षा मंत्री फेंग शिह-कुआन ने मंगलवार को जारी 14वीं रक्षा रिपोर्ट में कहा कि निरंतर सैन्य अभ्यासों ने ताइवान क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर एक बड़ा खतरा खड़ा कर दिया है.
फेंग ने कहा कि ताइवान, चीन के रक्षा बजट और सैन्य विकास का मुकाबला नहीं कर सकता. लेकिन ताइवान चीनी सेना द्वारा अग्रिम प्रयासों को रोकने के लिए असंयमित युद्ध के विकास की एक योजना का गंभीरता से आकलन और रेखांकन कर रहा है.
दरअसल चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और आवश्यकता पड़ने पर बलपूर्वक उसका फिर से अपने देश में विलय कर सकता है. वर्ष 1949 में हुए एक गृहयुद्ध के बाद दोनों देश अलग हो गए थे. हालांकि ताइवान स्वशासित लोकतंत्र है लेकिन इसने कभी भी औपचारिक रूप से खुद को स्वतंत्र घोषित नहीं किया है.
ताइवान ने स्थापित की साइबर आर्मी
रिपोर्ट में तुलनात्मक रूप से बताया गया है कि चीनी सैनिकों की संख्या जहां दो करोड़ के करीब है वहीं ताइवान सेना की क्षमता करीब दो लाख 10 हजार है. ताइवान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, चीन की बढ़ती इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताओं के जवाब में ताइवान ने इस साल अपना साइबर आर्मी कमांड केंद्र स्थापित कर लिया है. इस साइबर आर्मी की कुल क्षमता लगभग एक हजार है.
