नई दिल्ली: भारत रत्न सचिन तेंदुलकर राज्यसभा में अपना पदार्पण भाषण सदन में चल रहे गतिरोध और हंगामे के कारण नहीं दे सके तो एक दिन बाद उन्होंने अपनी बात देशभर में पहुंचाने के लिये सोशल साइट फेसबुक का मंच चुना और अपनी बात रखी. सांसद मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को राज्यसभा में गुरुवार को ‘राइट टू प्ले’ पर भाषण देना था, लेकिन विपक्ष के हंगामे की वजह से वह अपना भाषण नहीं दे पाए. विपक्ष के हंगामे के चलते राज्यसभा स्थगित हो गई थी और तेंदुलकर संसद में अपनी डेब्यू स्पीच नहीं दे पाए थे. तेंदुलकर गुरुवार को संसद में बोलने के लिए खड़े हुए थे, लेकिन हंगामे के चलते स्पीच नहीं दे पाए.
तेंदुलकर को संसद में बोलने का मौका नहीं मिला लेकिन उन्होंने इसका तोड़ निकालते हुए अपनी बात फेसबुक के जरिए लोगों के सामने रखी. तेंदुलकर ने फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया. इस वीडियो में उन्होंने कहा, ‘गुरुवार को कुछ ऐसी बातें थीं, जो मैं आप तक पहुंचाना चाहता था, यहां भी वही कोशिश करूंगा. सचिन ने देश में खेलों के महत्व को रेखांकित करते हुए खेलों को संवैधानिक अधिकार देने की बात कही है. उन्होंने कहा कि मुझे कई बार हैरानी होती है कि मैं यहां तक कैसे पहुंचा. फिर मुझे एहसास होता है कि क्रिकेट में उठाए छोटे कदमों ने मुझे कभी न भूलने वाली यादें दीं.
सचिन ने संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि किस तरह से शारीरिक एक्टिविटीज के अभाव में भारत के बच्चे मोटापे की बीमारी का शिकार बनते जा रहे हैं. सचिन का कहना है कि ‘हमें अपने देश को खेलों को प्यार करने वाले से की बजाय खेलों में भागीदारी करने वाले देश में तब्दील करना होगा.’ इसके लिए हमें देश में खेलों की संस्कृति को विकसित करना होगा. सचिन ने भारत के पूर्वोत्तर के राज्यों की मिसाल देते हुए खेलों को सामाजिक सौहार्द को मजबूत करने का बड़ा साधन बताया है.
तेंदुलकर ने 15 मिनट 33 सेकेंड के इस वीडियो में कई अहम बातें कही हैं. अपने पिता को याद किया और साथ ही खेल को लेकर काफी कुछ कहा.
