सेना के करीब दस लाख जवानों को नए साल का तोहफा देने की तैयारी चल रही है. युद्ध के मोर्चे पर डटे इन जवानों की मिलिट्री सर्विस पे (एमएसपी) को दोगुना किया जाएगा. सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने भी इस पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है तथा वित्त मंत्रालय में कुछ औपचारिकताएं पूरी होने के बाद अगले महीने इसकी घोषणा होने की संभावना है. फिलहाल सेना में सिपाही से लेकर जेसीओ रैंक तक मिलिट्री सर्विस पे के रूप में प्रतिमाह 5200 रुपये की राशि मिलती है. यह राशि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप है. अब नई राशि 10,400 रुपये प्रतिमाह होगी.
दोगुना करने पर सहमति
सेना से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों के कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में विसंगतियां दूर करने के लिए बनी समिति ने जेसीओ रैंक तक की एमएसपी में दोगुनी बढ़ोतरी की सिफारिश की है. इसे सेना प्रमुख की तरफ से भी हरी झंडी मिल चुकी है. अब वित्त संबंधी औपचारिकताएं होनी बाकी है. सेना के सूत्रों के अनुसार, एमएसपी ब्रिगेडियर स्तर तक के अधिकारी को मिलती है. उनके लिए यह राशि अभी 15,500 रुपये प्रतिमाह है. जबकि मिलिट्री नर्सिंग सेवा को 10,800 रुपये प्रतिमाह एमएसपी के रूप में मिलते हैं. इन श्रेणियों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.
2006 से शुरू हुई थी एमएसपी
छठे वेतन आयोग ने सैनिकों के कठिन परिस्थितियों में काम करने और उनके जीवन पर खतरे के मद्देनजर एमएसपी शुरू करने की सिफारिश की थी. जिसे 1 जनवरी 2006 से लागू किया गया था. तब यह राशि महज 2000 रुपये प्रतिमाह हुआ करती थी. बाद में सातवें वेतन आयोग ने इसे जारी रखते हुए बढ़ोतरी की थी. लेकिन युद्ध के मोर्चे पर जो सैनिक सबसे आगे रहते हैं, उन्हें कम राशि दी जा रही थी. माना जा रहा है कि इससे सैनिकों का उत्साह बढ़ेगा. दूसरे सैनिकों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन भी ज्यादा मिलेगी. क्योंकि एमएसपी की राशि मूल वेतन के साथ जुड़कर पेंशन निर्धारण में अहम होती है.
