इस्लामाबाद: पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा इलाके में प्रशासन ने बच्चों की कम संख्या को देखते हुए एक हजार से ज्यादा स्कूल बंद कर दिए हैं. इन स्कूलों को बनाने में अरबों रुपये का खर्चा आया था.

दरअसल शिक्षा विभाग ने स्कूल के लिए स्थल चयन में सही मापदंडों का पालन नहीं किया. इसके कारण स्कूलों को बंद करने की नौबत आ गई.
सोमवार को पाकिस्तानी समाचार पत्र ‘डॉन’ ने शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया कि शिक्षा विभाग की अपनी मजबूरियां हैं. मुख्यमंत्री से जो निर्देश प्राप्त होता है, वह उसका पालन करता है. हमारे पास किसी क्षेत्र की जरूरत के आधार पर स्कूल इमारत बनाने की कोई शक्ति नहीं है, लेकिन हमें मुख्यमंत्री के निर्देशों का इंतजार करना पड़ता है. उन्होंने आगे कहा कि हमारी ओर से नए स्कूल बनाने की अर्जी को अक्सर नकार दिया जाता है. जहां मुख्यमंत्री चाहते हैं, स्कूल वहीं बनता है.
जिला शिक्षा अधिकारी के अनुसार हमने उन स्कूलों को बंद किया है, जहां 40 से कम विद्यार्थियों का पंजीकरण हुआ था. बंद होने वाले ज्यादातर स्कूल ग्रामीण इलाकों में हैं. सरकारी कानून के मुताबिक नया स्कूल वहां बनना चाहिए, जहां के आसपास की जनसंख्या एक हजार से ऊपर हो. फिर यह सुनिश्चित किया जाता है कि विद्यालय में कम से कम 160 बच्चे दाखिला लें.
