नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने लोगों को डिजिटल मुद्रा बिटकॉइन (Bitcoin) समेत वर्चुअल करेंसी के उपयोगकर्ताओं, धारकों और व्यापारियों को ऐसी वर्चुअल करेंसी के लेनदेन से जुड़े संभावित आर्थिक, वित्तीय, परिचालनात्मक, कानूनी, ग्राहक संरक्षण और सुरक्षा संबंधी जोखिम के बारे में सावधान किया है.
रिज़र्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि उसने ऐसी योजनाओं का परिचालन करने या बिटकॉइन अथवा किसी भी वर्चुअल करेंसी में लेनदेन करने के लिए किसी भी कंपनी को कोई लाइसेंस नहीं दिया है.
वर्चुअल करेंसियों के मूल्यांकन में महत्वपूर्ण वृद्धि और आरंभिक कॉइन ऑफरिंग (आईसीओ) में तेजी से वृद्धि को देखते हुए रिज़र्व बैंक ने आगाह किया है.
क्या है बिटकॉइन?
बिटकॉइन एक नई इनोवेटिव डिजिटल टेक्नोलॉजी या वर्चुअल करेंसी है. इसको 2008-2009 में सातोशी नाकामोतो नामक एक सॉफ्टवेयर डेवलपर ने प्रचलन में लाया था.
कंप्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना किसी मध्यस्थ के ट्रांजेक्शन किया जा सकता है. इस डिजिटल करेंसी को डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. बिटकॉइन को क्रिप्टो करेंसी भी कहा जाता है जबकि जटिल कंप्यूटर एल्गोरिथम्स और कंप्यूटर पावर से इस मुद्रा का निर्माण किया जाता है जिसे माइनिंग कहते हैं.
जिस तरह रुपए, डॉलर और यूरो खरीदे जाते हैं, उसी तरह बिटकॉइन की भी खरीद होती है. ऑनलाइन भुगतान के अलावा इसको पारंपरिक मुद्राओं में भी बदला जाता है.
