अहमदाबाद की CBI कोर्ट ने क्राइम ब्रांच के 3 अफसरों को बरी किया, कहा- इशरत लश्कर की आतंकी थी
15 जून 2004 को अहमदाबाद में कोतरपुर वाटरवर्क्स के पास एनकाउंटर में इशरत जहां (बाएं), जावेद शेख, अमजद राम और जीशान जौहर मारे गए थे।
गुजरात के चर्चित इशरत जहां एनकाउंटर केस में CBI कोर्ट ने क्राइम ब्रांच के तीन अधिकारियों गिरीश सिंघल, तरुण बारोट और अंजू चौधरी को बरी कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि इशरत जहां, लश्कर-ए-तैयबा की आंतकी थी, इस खुफिया रिपोर्ट को नकारा नहीं जा सकता। इसलिए तीनों अधिकारियों को निर्दोष मानते हुए बरी किया जाता है।
क्राइम ब्रांच के अधिकारी तरुण बारोट 2004 के इशरत जहां एनकाउंटर में शामिल थे।
अधिकारियों ने अपने कर्तव्य का पालन किया
2004 के बाद गुजरात सरकार ने IPS जीएल सिंघल, रिटायर्ड DSP तरुण बारोट और असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर अंजू चौधरी के खिलाफ इशरत जहां एनकाउंटर मामले में कार्रवाई करने से इंकार कर दिया था। बुधवार को इसी मामले में दायर अर्जी पर सुनवाई हुई। इस मामले में कोर्ट कहा कि इस बात के सबूत हैं कि इशरत जहां आतंकी थी और क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने अपनी ड्यूटी निभाई।
इससे पहले DG वंजारा (बाएं) और एन के अमीन (दाएं) को CBI कोर्ट बरी कर चुका है।
ये है पूरा मामला
15 जून, 2004 को अहमदाबाद में कोतरपुर वाटरवर्क्स के पास पुलिस एनकाउंटर में इशरत जहां, जावेद शेख, अमजद राम और जीशान जौहर मारे गए थे। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक ये सभी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या के इरादे से आए थे। इशरत जहां की मां समीमा कौसर और जावेद के पिता गोपीनाथ पिल्लई ने हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर मामले की CBI जांच की मांग की थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए SIT बनाई थी। इस मामले में कई पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था।
