तमाम योजनाएं सही समय पर ठीक से लागू हो इस मकसद से प्रधानमंत्री ने आज स्वास्थ्य मंत्रालय और नीति आयोग के अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की।
भारत में हर साल गंभीर बीमारियों के महंगे ईलाज पर अपनी कमाई खर्च करने के कारण लाखों परिवार गरीबी रेखा के नीचे चले जाते है। इसीलिए केन्द्र सरकार आम आदमी तक स्वास्थ्य सुविधाए पहुंचाने को लेकर प्रतिबद्ध है और आम आदमी ईलाज का खर्च उठा पाए इसके लिए सरकार ने बजट में आयुष्मान भारत योजना का ऐलान किया। इस योजना के तहत दस करोड गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा मिलेगा। यह तमाम योजनाएं सही समय पर ठीक से लागू हो इस मकसद से प्रधानमंत्री ने आज स्वास्थ्य मंत्रालय और नीति आयोग के अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की।

देश के दूर-दराज के इलाकों और हर एक व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचे और लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा देना केन्द्र सरकार की प्राथमिकता में है, यही कारण है कि सरकार ने इस बार के बजट में राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना, की घोषणा की और इस योजना की शुरुआत ठीक से और समय पर हो इसके लिए खुद प्रधानमंत्री ने पीएमओ, स्वास्थ्य मंत्रालय और नीति आयोग के अधिकारियों के साथ गहन चर्चा की। दो घंटे तक चली इस बैठक में पीएम ने योजना को शुरू करने के लिए अब तक उठाए गए कदमों की समीक्षा भी की।
आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रत्येक परिवार को 5 लाख की स्वास्थ्य सुरक्षा मिलेगी। इस योजना से करीब 10 करोड़ गरीब परिवारों को फायदा होगा। लाभार्थियों को पूरे देश में विभिन्न अस्पतालों में कैशलेस सुविधा मिलेगी। ये योजना दुनिया में किसी सरकार की ओर से चलायी जाने वाली सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है।
विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों के जरिए कैसे लोगों तक प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचे , इसको लेकर भी प्रधानमंत्री ने समीक्षा की।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य पॉलिसी 2017 में विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को भारत के स्वास्थ्य सिस्टम का आधार माना गया है। करीब डेढ़ लाख केन्द्रों की मदद से लोगों के घरों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने का लक्ष्य है। इन केन्द्रों की मदद से महिला-शिशु स्वास्थ्य और गैर-संक्रमित बीमारियों पर विशेष ध्यान रहेगा। इन केन्द्रों पर मुफ्त जांच और दवाएं मिलेंगी, इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए 1200 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से अपील की कि समाज के कमजोर वर्गों तक इस सुविधा को पहुंचाने के लिए अधिकारी समय-सीमा के अंदर काम करें। दरअसल सरकार का मकसद है कि आयुष्मान भारत और स्वास्थ्य केन्द्रों की मदद से 2022 तक स्वस्थ भारत की परिकल्पना को पूरा किया जा सके।
