Chhattisgarh

वि.वि. ने मीडिया पास में की भारी गलती,  बंद अखबारों के पत्रकारों को दिया पास

बिलासपुर। 2 मार्च को केंद्रीय विश्वविद्यालय में आठवां दीक्षांत समारोह हुआ कार्यक्रम में महामहिम मुख्य अतिथि थे लिहाजा सुरक्षा व्यवस्था चरम पर थी किंतु सबसे अधिक लापरवाही पत्रकार दीर्घा में हुई विश्वविद्यालय ने पत्रकार गैलरी में 45 के लगभग चेयर की व्यवस्था की थी और 80 से अधिक कार्ड बना दिए थे जिन्हें पत्रकार होने का दर्जा देकर कार्ड जारी किया गया था हमारी पड़ताल में इनमें से कई पत्रकार होने की श्रेणी के बाहर थे क्योंकि मामला राष्ट्रपति के कार्यक्रम का है लिहाजा इसे उचित तो नहीं माना जा सकता यदि सर्वोच्च सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के कार्यक्रम को कवर करने वाले पत्रकारों की ही जांच गहनता से नहीं हुई तो पूरे सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह लगता है इस संदर्भ में बिलासपुर पुलिस अधीक्षक का कहना है कि कार्यक्रम केंद्रीय विश्वविद्यालय का था हमारा दायित्व यही है कि जिसे बुलाया गया है उसकी जांच करें और इस बात का ध्यान रखें कि निर्देश के मुताबिक ही बुलाए गए व्यक्ति सुरक्षा जांच के बाद भीतर जा सके किसे बुलाया गया है वह उस श्रेणी का है या नहीं यह तय करना विश्वविद्यालय का काम था इसी संदर्भ में जब हमने विश्वविद्यालय की पीआरओ प्रतिभा जे मिश्रा से बात की तो उनका कहना था कि पत्रकारों के फोटो और उनके संस्थानों के नाम हमने जनसंपर्क विभाग से लिए थे और उन्हीं के कार्ड बने ऐसे में कौन पत्रकार है कौन नहीं हमने नहीं देखा ऐसा कह कर उन्होंने अपना पल्लाझाड़ा है क्योंकि पूरा घटनाक्रम इस तरह है 27 फरवरी को बिलासपुर पुलिस अधीक्षक ने महामहिम के प्रवास के संदर्भ में पत्रकारों को कार्ड जारी करने के विषय में बिलासपुर कलेक्टर से पत्राचार किया उसी के आधार पर जनसंपर्क बिलासपुर में उन पत्रकारों से फोटो, संस्था का नाम, वर्तमान पता और मोबाइल नंबर की सूची मांगी जो महामहिम के कार्यक्रम को कवर करेंगे। पत्रकारों ने अपने तात्कालिक फोटो और अन्य जानकारी कार्यालय के उत्तरदाई पद के सामने जमा करनी शुरू की 29 फरवरी को केंद्रीय विश्वविद्यालय की जनसंपर्क अधिकारी ने वे फोटो और अन्य जानकारी जनसंपर्क विभाग से ले ली यह कहते हुए की कार्ड वहां से ही जारी होगा 29 तारीख तक जितने पत्रकारों ने जनसंपर्क विभाग में अपने विवरण दर्ज कराए थे उसमें राज्य सरकार के अधिकारियों ने शक्ति से निर्देशों का पालन किया था लेकिन जब एक बार पूरे फोटो विश्वविद्यालय चले गए तो तीन दर्जन फोटो तथा अन्य विवरण विश्वविद्यालय में अलग से जमा हुए कई कार्ड रायपुर के निर्देश पर बने विश्वविद्यालय के पास इस बात को जांचने का समय ही नहीं था कि वे पता करते की जो व्यक्ति अपना फोटो और अखबार या संस्था का नाम बता रहा है वह है भी या नहीं इसी चक्कर में बंद पोर्टल, अखबार, मंथली मैगजीन आदि के नाम पर भी कथित मीडिया के नाम पर पास जारी हुए इसे सर्वोच्च सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के कार्यक्रम में बर्ती गई लापरवाही ही कहां जाएगा और यह बात भी स्पष्ट हो गई कि केंद्रीय विद्यालय ने मीडिया कवरेज के लिए जारी किए गए कार्ड में राज्य सरकार के जनसंपर्क विभाग तथा स्थानीय पुलिस के साथ कोऑर्डिनेशन नहीं रखा।

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