Chhattisgarh

राहुल के आरोपों को मोदी ने इशारों में दिया जवाब, बोले- हम कामदार हैं, सुनना पड़ता है

बालोद. हथौद में आम सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हम कामदार हैं, कामदारों को सुनना पड़ता है। उन्होंने इशारों-इशारों में राहुल गांधी के उस बयान का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने मोदी पर आडवाणी को जूता मारकर मंच से उतारने का आरोप लगाया था। मोदी ने छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा केंद्र सरकार डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए किसानों के खातों में पैसे भेज रही है। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को इससे दिक्कत है। ये पैसे सीधे ट्रांसफर हो रहे हैं, जिससे प्रदेश सरकार को बिचौलियों के जरिए पैसे ट्रांसफर में कमाई का मौका नहीं मिल पा रहा है। कांग्रेस सरकार के डीबीटी का मतलब डायरेक्ट बिचौलिया ट्रांसफर है। इस सरकार ने आते ही ट्रांसफर पोस्टिंग का उद्योग शुरू कर दिया था।  कांकेर, राजनांदगांव, दुर्ग और महासमुंद लोकसभा के प्रत्याशियों के पक्ष में सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने वाणी पर नियंत्रण खो दिया है। खैर वे नामदार हैं और हम कामदार। कामदारों को सुनना पड़ता है। पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ी भाषा में संबोधित करते हुए नवरात्र के पावन अवसर पर सभी बधाई दी और राज्य के अनेक मंदिर और स्थानीय देवी देवताओं का नाम लेकर उनका वंदन किया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस मजबूर सरकार बनाने के लिए चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस आतंकवादियों और अलगाववादियों को खुली छूट देने के लिए और हम उनके पापों की सजा देने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। वे देश की सेना को कमजोर करने के लिए और हम सेना को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। वे एक मजबूर सरकार बनाने के लिए और हम एक मजबूत सरकार बनाने के लिए लड़ रहे हैं। बीते पांच सालों में आपने देखा मजबूत सरकार का मतलब क्या होता है। जब सरकार मजबूत होती है तो आतंकी हमलों के बाद देश चुप नहीं बैठता है, गढ़ में घुस कर मारता है। जब मजबूत सरकार होती है तो दुनिया भी उसकी बात सुनती है। पीएम मोदी ने लोगों से पूछा कि उन्हें चौकीदार की सरकार चाहिए या भ्रष्टाचारियों की बारात? कुछ दिनों पहले ही कांकेर में हमारे जवान शहीद हुए हैं। कांग्रेस को बलिदान की परवाह नहीं है। कांग्रेस ने ढकोसला पत्र में कहा है जो सीमा पर मुकाबला कर रहा है, नक्सलियों से लड़ रहा है ऐसे जवान जिनको विशेष कवच मिला है, इसे हटाने का फैसला सुनाया है। जिन कानूनों को वे हटाने की बात कर रहे हैं वे जवानों के सुरक्षा कवच हैं। क्या ये हटने के बाद जवान अपना काम कर पाएगा? क्या हो गया है इनको?

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