दंतेवाड़ा/बीजापुर. छत्तीसगढ़ पुलिस ने बीजापुर के मिरतुर थाना क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई करते हुए एक साथ 8 नक्सलियों काे ढेर कर दिया। इनमें चार महिलाएं और चार पुरुष हैं। सभी के शव और हथियार बरामद कर लिए गए हैं। 48 घंटे के इस बड़े ऑपरेशन परडीआरजी और एसटीएफ के करीब 300 जवान बुधवार सुबह नौ बजे पैदल दंतेवाड़ा से निकले और रात नौत बजे बीजापुर पहुंचे। यहां से वे रात में ही 20 किमी भीतर जंगल में घुसे और योजनाबद्ध तरीके से गुरुवार तड़के नक्सलियों को घेरकर एनकाउंटर को अंजाम दिया। ये पहला मौका है कि जब राज्य पुलिस ने नक्सलियों को एक साथ इतनी बड़ी संख्या में मारा है।
आईजी विवेकानंद सिन्हा के मुताबिक, नक्सली लीडर गणेश उइके और नक्सलियों की मिलिट्री कंपनी नंबर 2 के बड़े नक्सलियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना मिली थी। इसके बाद दंतेवाड़ा की फोर्स को ऑपरेशन पर लगाया गया। इससे ठीक पहले नजदीकी थाने को सतर्क कर दिया, ताकि फोर्स के बीच कोई गलतफहमी न फैले। इसके बाद दंतेवाड़ा की सरहद पार कर जवानों ने 20 किमी का सफर तय किया और फिर एनकाउंटर को अंजाम दिया। मुठभेड़ के बाद शवों को बीजापुर के गंगालूर के रास्ते लाया जा रहा है। यहां से पहाड़ व जंगल के रास्ते बीजापुर फिर भैरमगढ़ होते हुए दंतेवाड़ा लाया जाएगा। समाचार लिखे जाने तक जवान गुरुवार शाम 6 बजे तक गंगालूर पहुंचे चुके थे। घटनास्थल से 2 इंसास रायफल, 2 303 रायफल, 1 भरमार और 1 पेन गन समेत भारी मात्रा में विस्फोटक और दैनिक उपयोग के सामान भी मिले हैं। अब तक आंध्र प्रदेश की ग्रेहाउंड फोर्स ने ही छत्तीसगढ़ में घुसकर ऐसे बड़े ऑपरेशन पूरे किए थे।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री को दी पुलिस की सफलता पर बधाई: नक्सल आॅपरेशन के दौरान बीजापुर में पुलिस को मिली सफलता पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री रमन सिंह को फोन पर बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने उन्हें पूरे ऑपरेशन के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। मुठभेड़ में बड़े नक्सली नेताओं के मारे जाने की खबर है। इस बारे में भी उन्होंने गृहमंत्री को बताया।
48 घंटे चला ऑपरेशन
11 बजे बुधवार सुबह दंतेवाड़ा से पैदल निकले 300 जवान
9बजे रात में बीजापुर में पहाड़ियों पर पहुंचे, रातभर घेराबंदी की
5 बजे गुरुवार सुबह में जवानों ने नक्सलियों पर बोला हमला
1घंटे मुठभेड़ चली, फिर दे घंटे सर्चिंग ऑपरेशन भी चला
6 बजे शाम में नदी पार कर लाश के साथ गंगालूर लौटे जवान
चार दिन पहले की सूचना की तस्दीक करने में लगे दो दिन:दंतेवाड़ा जिले में पुलिस के आला अफसरों को बैलाडीला पहाड़ी के पिछले हिस्से में स्थित तिमेनार के जंगल में नक्सलियों के बड़े लीडरों की मौजूदगी की खुफिया सूचना 4 दिनों पहले ही मिली थी। इसकी तसदीक करने में दो दिन लगे। बीजापुर से ऑपरेशन लांच करने से लीक होने का खतरा था। इसलिए ज्यादा दूरी होने के बाद भी ऑपरेशन को दंतेवाड़ा से शुरू किया गया।
रात भर बैठे रहे पहाड़़ के पास भोर होते ही कर दिया हमला:नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में डीआरजी की तीन और एसटीएफ की पांच पार्टियों को रवाना किया गया था। लगातार 50 किमी पैदल चलकर पार्टियां निर्धारित प्वाइंट तक पहुंचीं। इसके बाद नक्सलियों के संभावित ठिकाने की घेराबंदी का काम रात भर चलता रहा। फोर्स ने सुबह उजाला होते ही पहाड़ी की टेकरी को तीन तरफ से घेरकर हमला बोल दिया।
तेलुगू और गोंडी में चीखते-चिल्लाते भागे नक्सली:मुठभेड़ के दौरान पहाड़ी पर मोर्चा लिए नक्सली तेलुगू और गोंडी बोली में चीखते-चिल्लाते हुए इधर-उधर भाग रहे थे। वे एक-दूसरे को निर्देश भी दे रहे थे। दुर्गम और घना जंगली इलाका होने की वजह से संभवत: नक्सलियों ने इस इलाके में फोर्स के आने की कल्पना तक नहीं की थी। इसी निश्चिंतता के बीच डीआरजी व एसटीएफ जवानों से घिरे नक्सली उनका शिकार बन गए।
