Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल ने पेश की मिसाल, ठुकराई वेतन में ढाई गुना बढ़ोतरी

एक तरफ सांसदों-विधायकों पर संसद नहीं चलने देने के बावजूद लगातार अपने वेतन और सुविधाओं में बढ़ोतरी करने के आरोप लगते हैं, वहीं छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बालारामजी दास टंडन ने एक अनोखी मिसाल कायम करते हुए इन सभी को आइना दिखाया है। टंडन ने इस साल मार्च में की गई अपने वेतन में ढाई गुना की बढ़ोतरी लेने से इंकार कर दिया है। 

 उनके कार्यालय की तरफ से बुधवार को जारी की गई एक रिलीज में ये जानकारी दी गई। रिलीज में बताया गया कि टंडन बढ़ोतरी के बाद 3.5 लाख रुपये प्रति माह हो गया वेतन लेने के बजाय अब भी अपना 1.10 लाख रुपये महीना का पुराना वेतन ही ले रहे हैं। बता दें कि केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग के बाद राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति व राज्यपालों का वेतन कैबिनेट सचिव स्तर के अधिकारियों से कम हो जाने के कारण उनके वेतन में बढ़ोत्तरी की थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से मार्च में जारी की गई अधिसूचना में इन सभी का वेतन जनवरी, 2016 यानी दो साल पहले से बढ़ाए जाने की जानकारी दी गई थी। लेकिन टंडन ने ये बढ़ोतरी ठुकरा दी है।

62.5 लाख रुपये का एरियर भी लेने से किया इनकार

राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ राज्य के महालेखाकार (ऑडिट) को पिछले महीने लिखे पत्र में अपना पुराना 1.10 लाख रुपये प्रति माह का वेतन ही लेने की इच्छा जाहिर की। साथ ही जनवरी 2016 से वेतन बढ़ोतरी लागू होने के कारण फरवरी 2016 तक 25 महीने में बना उनका 62.5 लाख रुपये का वेतन एरियर भी लेने से इनकार कर दिया। महालेखाकार ने इस पर अपनी सहमति जता दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *