रायपुर
विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अध्ययन के मुताबिक आधी दुनिया की जनसंख्या अभी भी उन स्वास्थ्य सेवाओं से दूर है जिनकी उन्हें जरूरत है। गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी किसी भी देश या राज्य शासन को निभानी होता है। भारत के सभी राज्यों में छत्तीसगढ़ इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है और विश्व स्वास्थ्य दिवसयानी 7 अप्रैल को राज्ज के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य की जनता से कहा कि उनकी सरकार जनता को बेहतर से बेहतर सेवाएं देने को वचनबद्ध है।
बीते 14 वर्षों में राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में आगे बढ़ने को लेकर कई कदम उठाए गए, जिनके फलस्वरूप राज्य में मृत्यु दर घटी, घटी,बीमारियों पर अंकुश लगा और स्वस्थ प्रान्त की सूची में नाम दर्ज होने लगा। इस वर्ष के बजट में भी मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य बीमा की रकम 30,000 रु. से बढाकर 50,000 रू. तक कर दी. और निःशुल्क पैथॉलजी और रेडियॉलजी की सुविधा देकर मरीजों
को बड़ी राहत दी है। जब कभी भी छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू, चिकनगुनिया जैसे रोग सुनामी की तरह आई तो सरकार ने उसका डटकर मुकाबला किया।
इस वर्ष के बजट के मुताबिक, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना और राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को मिलाकर राज्य के 55 लाख से ज्यादा परिवारों को इसका लाभ मिलेगा। वरिष्ठ नागरिकों और पत्रकारों को अतिरिक्त बीमा कवर दिया जा रहा है।
बीते 9 फरवरी को नीति आयोग द्वारा जारी स्वास्थ्य सूचकांक रिपोर्ट ‘स्वस्थ राज्यों, प्रगतिशील भारत’ के अनुसार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण छत्तीसगढ़ अब ‘बीमारू राज्य’ की श्रेणी से बाहर है। छत्तीसगढ़ भारत के अन्य राज्यों की अपेक्षा तेजी से विकसित होने वाला राज्य है जहां स्वास्थ्य के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक विकास में गुणात्मक उन्नति हुई है।
