बिलासपुर. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में सोमवार को 38 लोगों को पद्श्री और 5 लोगों को पद्मभूषण अलंकरण से सम्मानित किया। इसमें छत्तीसगढ़ से बिलासपुर के पं. श्यामलाल चतुर्वेदी को साहित्य और चांपा के दामोदर गणेश बापट को समाजसेवा के क्षेत्र में कार्य के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया। राष्ट्रपति भवन के हाल में समारोह का आयोजन हुआ।
इस दौरान साहित्यकार, लेखक व वरिष्ठ पत्रकार पंडित चतुर्वेदी व्हील चेयर पर सम्मान ग्रहण करने पहुंचे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें मंच से उतरकर सम्मानित किया। इसी तरह चांपा के समाजसेवी दामोदर गणेश बापट को भी राष्ट्रपति ने मंच से उतरकर सम्मानित किया। इस मौके पर क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी और स्नूकर खिलाड़ी पंकज आडवाणी को भी पद्मभूषण प्रदान किया गया। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति एम वैंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, अनंत कुमार, धर्मेंद्र प्रधान सहित अन्य मौजूद रहे।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को छत्तीसगढ़ी को राजभाषा का दर्जा दिलाने दिया पत्र
पंडित चतुर्वेदी ने राष्ट्रपति को पत्र सौंपते हुए कहा कि आज मुझे आपके हाथों पद्श्री अलंकरण प्रदान किया जाना मेरे और मेरी जन्मभूमि, कर्मभूमि छत्तीसगढ़ राज्य के लिए गौरव की बात है। इस अवसर पर श्री चतुर्वेदी ने कहा कि सवा दो करोड़ छत्तीसगढ़ियों की अपनी छत्तीसगढ़ी भाषा को केंद्र की आठवीं अनुसूची में शामिल कर राजभाषा का संवैधानिक दर्जा प्रदान करने की कृपा करें। अनुसूचित जाति, जनजाति पिछड़े और अल्पसंख्यक बाहुल्य छत्तीसगढ़ की अपनी भाषा को राजभाषा का दर्जा देकर भारत में अपनी पहचान बनाने का गौरव प्रदान करें। अपने जीवन की हर श्वांस, हर पल, हर क्षण, छत्तीसगढ़ी भाषा को राजभाषा के रूप में प्रतिष्ठित होते हुए देखने की प्रतीक्षा में…।
