रायपुर. छत्तीसगढ़ में कोरबा जिले की एक पंचायत की प्राइमरी स्कूल मेंं पिछले कुछ दिनों से स्टूडेंट्स की मौजूदगी बढ़ती जा रही है। इसकी वजह हैं यहां के टीचर श्रीकांत सिंह। जिन्होंने बच्चों को स्मार्ट क्लास की सौगात दी है। वे बच्चे जिन्होंने स्मार्टफोन, लैपटाॅप, की-बोर्ड, माऊस आैर प्रोजेक्टर के बारे में सिर्फ सुना था या किताबों में देखा था, आज वे उसी के माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं। उनके लिए सब-कुछ नया है, इसलिए पढ़ाई के प्रति उनकी रुचि भी बढ़ती जा रही है।

– इस स्कूल की जिम्मेदारी दो टीचर श्रीकांत सिंह आैर अजय कुमार कोसले पर है। वर्ष 2006 से यहां नियुक्त श्रीकांत सिंह पढ़ाई-लिखाई के प्रति बच्चों का लगाव बढ़ाने लिए नए-नए प्रयोग करते रहते हैं। इससे पहले भी उन्होंने स्कूल को आकर्षक रूप दिया है।
– इसमें कैंपस को गार्डन बनाना और दीवारों में कार्टून कैरेक्टर बनाना आदि शामिल है। श्रीकांत बताते हैं कि उन्होंने बच्चों से डिजिटल टेक्निक के माध्यम से पढ़ाई कराने का वादा किया था जिसके लिए उन्होंने कई सालों तक प्रयास किए।
– पावर प्लांट, बैंक अधिकारियों व सामाजिक संस्थाआें के पदाधिकारियों से भी मिला। सभी ने मेरी कोशिशों की सराहना की पर मदद के आश्वासन से आगे बात नहीं बढ़ी। फिर विश्वास हुआ कि अब मुझे किसी की मदद नहीं मिलने वाली। तब मैंनेे यह सपना अपने दम पर पूरा करने की ठान ली आैर काम आया मेरा जीवन बीमा का पैसा।
– 2006 में मैंने एलआईसी की 11 वर्षों की पॉलिसी ली थी, उसके मेच्योर होने पर 72 हजार रुपए मिले। इन पैसों से लैपटॉप, प्रोजेक्टर, स्क्रीन, स्पीकर, माउस आैर की-बोर्ड खरीदे। इस तरह बच्चों से किया वादा पूरा किया। श्रीकांत को उत्कृष्ट टीचर का पुरस्कार भी मिल चुका है। उनका अगला लक्ष्य स्कूल में चेयर, टेबल, साउंड सिस्टम और दूसरे जरूरी संसाधनों की व्यवस्था करना है।
