Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले से पहले जांच एजेंसियों ने भेजे थे कई अलर्ट, किसी ने नहीं दिया जवाब

दो दिन पहले माओवादियों ने छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पलोडी गांव में एक माइन प्रोटेक्शन व्हीकल (एमपीवी) को आईईडी धमाके से उड़ा दिया था। इस हमले में 9 जवानों की मौत हो गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जांच एजेंसियों ने इस हमले से पहले सुरक्षा बलों को चेतावनी देते हुए कई अलर्ट भेजे थे। जिसमें उन्होंने उस इलाको में माओवादियों के उपस्थित होने की बात कही थी। राज्य खुफिया ब्यूरो (एसआईबी) ने पलोडी को लेकर काफी संदर्भ दिए थे। उन्होंने बस्तर जिला सहित आस-पास के इलाकों में जहां तक हो सके वाहनों का इस्तेमाल ना करने के लिए कहा था।

18 फरवरी को बस्तर के वरिष्ठ सीआरपीएफ और पुलिस अधिकारियों को लिखे पत्र में विशेष महानिदेशक, एसआईबी और नक्सल विरोधी अभियान प्रमुख डीएम अवस्थी ने कहा था- कुछ दिनों से सशस्त्र सीपीआई माओवादी कार्यकर्ताओं (120-150) की एक बड़ी मंडली तेलंगाना के साथ ही पीएलजीए बीएन01 पीएस किरस्तम के तहत सक्लर और गुड़राई गांव के बीच में डेरा डाले हुए हैं। कथित तौर पर यह ग्रुप पलोडी कैंप के पास रोजाना रेकी कर रहा है। सूचना के अनुसार वह पलोडी कैंप में रह रहे सुरक्षाबलों पर हमले की योजना बना रहे हैं। कृपया इस मामले पर जरूरी कदम उठाएं। इस मामले पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।

इससे पहले विशेष महानिदेशक ने अपने पत्र का विषय लिखा था- माओवादियों द्वारा पलोडी शिविर को निशाना बनाना। उन्होंने पत्र में लिखा था- दक्षिण सुकमा के बटालियन कोर क्षेत्र में किस्तपाम-चिंतलनार एक्सिस पर खोले गए नवीन फॉर्वर्ड पोस्ट पलोडी को माओवादियों के द्वारा निशाना बनाए जाने के संबंध में आईबी एवं एसआईबी के सूत्रों से लगातार सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं। हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए सीआरपीएफ के महानिदेशक राजीव राय भटनागर ने कहा था कि नक्सलियों को एक निश्चित जंगल तक सीमित कर दिया गया है और हमारे जवान उनकी गुफा में घुस रहे हैं। नक्सल जानते हैं कि वो सामने से हमारा सामना नहीं कर सकते हैं। इसी वजह से वह बम के जरिए रोड पर चलने वाले हमारे वाहन को निशाना बना रहे हैं।

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