छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में बेटियों को पीरियेड्स के दौरान किसी तरह की दिक्कत न हो, इसलिए सभी स्कूलों में सैनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन स्थापित की जाएंगी। डॉ सिंह ने यह बात यहां आयोजित बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि पीरियेड्स के दौरान शरीर में आने वाले सहज परिवर्तन के संबंध में अपनी बेटियों को बताने में भी अभिभावक हिचकते हैं। इस संकोच से मुक्त होकर समाज को अब इसके लिए काम करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार पीएससी में डिप्टी कलेक्टर पद पर 15 छात्राओं का चयन हुआ। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे बस्तर जाकर अपनी सेवाएं देना पसंद करेंगी।


उनका उत्तर था, आप छत्तीसगढ़ के किसी भी जिले में दीजिए, हम बखूबी अपनी जिम्मेदारी संभालेंगी। यह जज्बा, काम करने के प्रति उनकी लगन, इन सब बातों ने मुझे बहुत आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि लड़कियां स्कूल जाने में हिचकती थीं, क्योंकि जाने की सुविधा नहीं थी। स्कूलों में टॉयलेट नहीं थे। आज शतप्रतिशत स्कूलों में टॉयलेट हैं। सरस्वती सायकिल योजना ने लड़कियों को पंख दे दिये हैं।
इससे ड्रॉप आउट रेश्यो तेजी से घटा है। हमारी लड़कियों में जबर्दस्त आत्मविश्वास पैदा हुआ है। अब साइकिल से लेकर लड़ाकू विमान तक चलाकर वे अपने साहस का प्रदर्शन कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गानुपात के मामले में छत्तीसगढ़ देश के सर्वोच्च तीन राज्यों में शामिल हैं। इसमें भी बस्तर संभाग सबसे ऊपर है। यह बताता है कि हमारे जनजातीय भाई कितने प्रगतिशील हैं। इस मौके पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष धरम लाल कौशिक, सांसद अभिषेक सिंह आदि भी मौजूद थे। डॉ सिंह ने इस अवसर पर हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी में अच्छे अंक लाने वाली प्रदेश भर की बेटियों का सम्मान किया।