रायपुर । छत्तीसगढ़ ने डिजिटल भारत की ओर एक लंबी छलांग लगाई है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और केंद्रीय संचार राज्यमंत्री मनोज सिन्हा की उपस्थिति में राजधानी रायपुर में भारत नेट परियोजना के दूसरे चरण के लिए एमओयू शनिवार को हुआ। परियोजना के जरिए गांवों और शहरों के बीच डिजिटल दूरी कम करने के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी का विस्तार किया जाएगा। इस दौरान अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री सिन्हा ने कहा कि डॉ रमन सिंह पहले चावल वाले बाबा के नाम से जाने जाते थे, अब मोबाइल और ब्रॉडबैंड वाले बाबा के नाम से जाने जाएंगे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि आज का दिन छत्तीसगढ़ के लिए महत्वपूर्ण है। छत्तीसगढ़ एक नए युग में प्रवेश कर रहा है। 1624 करोड़ की लागत से 6 हजार पंचायत हाई स्पीड नेट से जुड़ जाएंगे। भारत नेट से कनेक्टिविटी मिल जाएगी लेकिन सरकारी विभागों को इसके उपयोग के लिए कार्ययोजना बनाने की जरूरत है।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 4 महीने में पूरा प्लान बनाने के लिए कमेटी बनाई जाएगी। उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि जब वे अबूझमाड़ में गए तो वहां के लोगों ने मोबाइल कनेक्टिविटी मांगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मोबाइल कनेक्टिविटी वहां पहुंचेगी, तभी सही विकास होगा। मेरी इच्छा है कि सभी 10 हजार ग्राम पंचायतों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर सकूं।
केंद्रीय संचार राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में ये दूसरी महत्वपूर्ण तारीख होगी। अटलजी ने हाईवे के लिए काम किया अब इन्फॉर्मेशन हाईवे पर काम कर रहे हैं। भारत नेट के पहले चरण में 1 लाख ग्राम पंचायतों का काम पूरा हो गया है। अब दूसरे चरण में 1. 5 लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ा जा रहा है।
इस चरण में 8 राज्य खुद इस काम को कर रहे हैं, जिसमें छत्तीसगढ़ सबसे ऊपर है। छत्तीसगढ़ ने खुद रेल लाइन का काम हाथ में लिया है। 3 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा यहां को मिला है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में ब्राड बैंड पेनिट्रेशन बहुत ज्यादा बढ़ेगा। 10 फीसदी पेनिट्रेशन बढ़ने पर जीडीपी 1.38 फीसदी बढ़ता है।
