गुरुवार को बाजार में आई ऐतिहासिक गिरावट के बाद आज सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को शेयर बाजार में फिर से जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। ना सिर्फ भारत, बल्कि दुनियाभर के बाजारों की हालत बुरी है। आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 2,225.18 अंक यानी 6.79 फीसदी की ढलान के साथ 30,552.96 के स्तर पर खुला। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 699.55 अंक यानी 7.29 फीसदी की गिरावट के साथ 8,890.60 के निचले स्तर पर खुला। रोकनी पड़ी ट्रेडिंग
सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन सेंसेक्स और निफ्टी 10 फीसदी से अधिक लुढ़क गया और इस वजह से ट्रेडिंग रोकनी पड़ी। यानी कुछ देर तक शेयर बाजार में कारोबार नहीं होगा। निवेशक ना तो शेयर खरीद सकते हैं और ना ही बेच सकते हैं। फिलहाल, ये ट्रेडिंग 45 मिनट के लिए रोकी गई है। अब शेयर बाजार में कारोबार 10.15 बजे के बाद ही शुरू होगा। बाजार में 10 फीसदी या उससे अधिक की गिरावट आती है, तो उसमें लोअर सर्किट लग जाता है और ट्रेडिंग कुछ देर के लिए रोक दी जाती है।
डाउ जोंस में ट्रेडिंग 15 मिनट के लिए बंद
आज हालात इतने बदतर हो गए कि अमेरिकी शेयर बाजार डाउ जोंस में ट्रेडिंग 15 मिनट के लिए रोक देनी पड़ी। यानी अमेरिकी शेयर बाजार में 15 मिनट के लिए किसी भी तरह का कारोबार नहीं हुआ। बाद में स्थिति सामान्य होने पर एक बार फिर कारोबार की शुरुआत हुई और अंत में डाउ जोंस 10 फीसदी यानी 2,352.60 अंक लुढ़क कर 21,200.62 अंक के स्तर पर बंद हुआ। ये साल 1987 के बाद का सबसे खराब प्रदर्शन है। वहीं एसएंडपी 9.5 फीसदी लुढ़ककर बंद हुआ।
गिरावट के बड़े कारण
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना को विश्वव्यापी महामारी घोषित कर दिया है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने कहा कि कोविड-19 को पैनडेमिक (विश्वव्यापी महामारी) माना जा सकता है।
- टूरिस्ट वीजा निलंबित : सरकार ने 15 अप्रैल तक सभी देशों के पर्यटक वीजा निलंबित कर दिए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका शुक्रवार से (स्थानीय समयानुसार) 30 दिन के लिए यूरोप से सभी यात्राएं रद्द करने जा रहा है। इस दौरान किसी तरह के यातायात को इजाजत नहीं दी जाएगी। ब्रिटेन को इसमें शामिल नहीं किया गया है।
- भारी गिरावट से वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका गहरा गई है। कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट का रुख है। ब्रेंट क्रूड वायदा पांच फीसदी टूटकर 34 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। क्रूड में आई करीब तीन दशक की तेज गिरावट ने भी दुनिया के शेयर बाजारों का मूड बिगाड़ दिया है।
- विदेशी फंड के लगातार बाहर जाने के चलते निवेशकों की भावनाओं पर प्रतिकूल असर पड़ा। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को सकल आधार पर 3,515.38 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची।
- खाद्य कीमतों में नरमी के चलते खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में धीमी पड़कर 6.58 फीसदी पर आ गई। सरकार ने इस संबंध में गुरुवार को आंकड़े जारी किए। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जनवरी 2020 में 7.59 फीसदी थी। जबकि फरवरी 2019 में यह आंकड़ा 2.57 फीसदी था। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2020 में खाद्य क्षेत्र की महंगाई घटकर 10.81 फीसदी रही जो जनवरी में 13.63 फीसदी थी। सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति चार फीसदी से नीचे रखने का लक्ष्य दिया है।
ऐसा रहा दिग्गज शेयरों का हाल
दिग्गज शेयरों की बात करें, तो आज सभी कंपनियों के शेयर लाल निशान पर खुले। शीर्ष गिरावट वाले शेयरों में निम्नलिखित कंपनियां शामिल हैं-
- कोटक महिंद्रा बैंक ( 20 फीसदी )
- बीपीसीएल ( 16.70 फीसदी )
- एचसीएल टेक ( 15.89 फीसदी )
- गेल ( 15.32 फीसदी )
- टेक महिंद्रा ( 15.06 फीसदी )
- टीसीएस ( 14.84 फीसदी )
- इंडसइंड बैंक ( 14.56 फीसदी )
- जी लिमिटेड ( 14.42 फीसदी )
- अडाणी पोर्ट्स ( 14.36 फीसदी )
- ओएनजीसी ( 14.08 फीसदी )
