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सरकार को जेट एयरवेज का संचालन फिर से शुरू होने की उम्मीद कम

रॉयटर्स के मुताबिक वित्त मंत्रालय के 2 अधिकारियों ने इस बात के संकेत दिए
कहा- बोली प्रक्रिया में अभी तक कोई ठोस प्रस्ताव सामने नहीं आया
मुंबई. सरकार को जेट एयरवेज के फिर से शुरू होने की उम्मीद कम है। रॉयटर्स के मुताबिक वित्त मंत्रालय के दो वरिष्ठ अधिकारियों का ऐसा कहना है। उनके मुताबिक जेट के लिए शुरुआती बोली लगाने वाले निवेशक अभी तक कोई ठोस प्रस्ताव नहीं दे पाए हैं। इसलिए जेट के दिवालिया होने की आशंका बढ़ गई है।
जेट के कर्जदाता दिवालिया अदालत जा सकते हैं
एक अधिकारी ने बताया कि अगर बोली प्रक्रिया सफल रहती है तो सरकार जेट के स्लॉट लौटा देगी जो कि दूसरी एयरलाइंस को अलॉट कर दिए गए हैं। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जेट के कर्जदाता बकाया वसूली के लिए दिवालिया अदालत जा सकते हैं।
जेट एयरवेज के कर्मचारी सरकार से एयरलाइन को बचाने की अपील कर रहे हैं। पिछले हफ्ते जेट के पायलट्स ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर मांग की थी कि बोली की प्रक्रिया में तेजी लाने और लीजदाताओं द्वारा विमानों को डीरजिस्टर करने से रोकने के लिए सरकार दखल दे।
बैंकों से इमरजेंसी फंड नहीं मिलने की वजह से जेट ने 17 अप्रैल को अस्थाई रूप से संचालन बंद कर दिया था। जेट के कर्जदाता 8,400 करोड़ रुपए के कर्ज की रिकवरी के लिए एयरलाइन की हिस्सेदारी बेच रहे हैं। एसबीआई की मर्चेंट बैंकिंग शाखा एसबीआई कैप्स बोली की प्रकिया का संचालन कर रही है।
जेट का संचालन बंद होने से 23,000 कर्मचारियों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। पायलट्स और इंजीनियर्स को 3 महीने की सैलरी भी नहीं मिली है।

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