अहमदाबाद के कॉमर्शियल कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई, अगली तारीख 12 जून
पेप्सीको का दावा- 9 किसानों ने कंपनी के पेटेंट वाली वैरायटी के आलू उगाए
कंपनी ने 4 किसानों पर 1-1 करोड़, 5 किसानों पर 20-20 लाख का दावा किया था
4 किसानों के मामले में पेप्सीको ने कहा- कंपनी की शर्तों पर आलू उगाएं तो समझौते को तैयार
अहमदाबाद. पेप्सीको ने आलू की विशेष किस्म उगाने के मामले में गुजरात के 4 किसानों के सामने समझौते का प्रस्ताव रखा है। पेप्सीको के मुताबिक आरोपी किसानों ने कंपनी की रजिस्टर्ड वैरायटी वाले आलू उगाए। पेप्सीको ने विवादित वैरायटी पर प्लांट वैरायटी प्रोटेक्शन राइट्स होने का दावा किया है। इस मामले में उसने साबरकंठा और अरावली जिले के 9 किसानों के खिलाफ केस किया था।
किसानों के वकील ने कहा- पेप्सीको के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे
इस मामले में शुक्रवार को कॉमर्शियल कोर्ट में सुनवाई हुई। पेप्सीको ने कहा कि किसान अगर यह अंडरटेकिंग दें कि विशेष किस्म के बीज कंपनी से खरीदेंगे और फिर कंपनी को ही आलू बेचेंगे, तो वह समझौते के लिए तैयार है। कंपनी ने चारों किसानों पर 1-1 करोड़ रुपए का दावा किया है।
साबरकंठा जिले के 4 किसानों की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील आनंद यागनिक ने कहा कि वह पेप्सीको के प्रस्ताव के बारे में किसानों से बात करेंगे और अगली सुनवाई में कोर्ट में जानकारी देंगे। अगली सुनवाई 12 जून को होगी।
कॉमर्शियल कोर्ट ने पेप्सीको के पेटेंट वाले आलू के बीजों के किसानों द्वारा इस्तेमाल पर रोक लगा रखी है। यह आदेश अगली सुनवाई तक जारी रहेगा। पेप्पीको का कहना है कि भारत में एफसी-5 किस्म के आलू उगाने और बेचने के लिए उसके पास 2016 से एकाधिकार है।
पेप्सीको ने अरावली जिले के 5 किसानों के खिलाफ मोदासा की जिला अदालत में मामला दर्ज करवाया था। उन पर 20-20 लाख रुपए का दावा किया है। तीन दिन पहले 190 एक्टिविस्ट गुजरात के किसानों के समर्थन में आ गए। केंद्र सरकार से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि पेप्सीको से झूठे मुकदमे वापस लेने के लिए कहा जाए।
