डायरेक्टरेट जनरल ऑफ एंटी-प्रॉफिटीयरिंग ने जांच में कंपनी को दोषी पाया
नवंबर 2018 में 178 उत्पादों पर जीएसटी की दर 28% से घटकर 18% हुई थी
कंपनी ने कहा- तय प्रक्रिया का पालन किया, जांच कमेटी के सामने बात रखेंगे
नई दिल्ली. एफएमसीजी कंपनी प्रॉक्टर एंड गेम्बल (पीएंडजी) ने 250 करोड़ रुपए की मुनाफाखोरी की। कंपनी ने जीएसटी की दरें कम होने का पूरा फायदा ग्राहकों को नहीं दिया। जीएसटी की शाखा ने जांच में पीएंडजी को दोषी पाया है।
जीएसटी की एंटी-प्रॉफिटीयरिंग शाखा ने पीएंडजी के खातों की जांच की
एक शिकायत के आधार पर जीएसटी की कमेटी डायरेक्टरेट जनरल ऑफ एंटी-प्रॉफिटीयरिंग (डीजीएपी) ने पीएंडजी के 15 नवंबर 2017 के बाद के बही-खातों की जांच की थी। इसमें पाया गया कि कंपनी जो उत्पाद बेचती है उनमें कुछ प्रोडक्ट पर 15 नंवबर 2018 से जीएसटी की दर 28% से घटकर 18% हो गई थी। इसके बावजूद पीएंडजी ने रेट कम नहीं किए। डीजीएपी कंपनी का पक्ष जानने के बाद आखिरी आदेश जारी करेगी।
पीएंडजी के उत्पादों में एरियल और टाइड वॉशिंग पाउडर, हेड एंड शोल्डर्स और पेंटीन शैंपू, कॉस्मेटिक ब्रांड ओले, शेविंग प्रोडक्ट जिलेट और टूथपेस्ट ओरल-बी शामिल हैं। एंबी प्योर, पैम्पर्स, विक्स और व्हिसपर भी पीएंडजी के ही प्रोडक्ट हैं। इस तरह के 178 उत्पादों पर जीएसटी काउंसिल ने 15 नवंबर 2018 से जीएसटी की दर 28% से घटाकर 18% की थी। पीएंडजी का कहना है कि उसने ग्राहकों को नेट बेनेफिट ट्रांसफर करने की प्रक्रिया का पालन किया। कंपनी डीजीएपी को सहयोग करेगी और अपनी सफाई पेश करेगी।
