आर्थिक संकट से गुजर रही जेट एयरवेज को बैंकों से रकम मिलने में हो रही देरी
रेजोल्यूशन प्लान के तहत बैंकों से मिलने हैं 1500 करोड़ रुपए
नई दिल्ली. बकाया नहीं चुकाने की वजह से इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने जेट एयरवेज को शुक्रवार दोपहर 12 बजे से 5 बजे तक देशभर में ईंधन देना बंद कर दिया। हालांकि, 5 घंटे बाद आईओसी ने सप्लाई दोबारा शुरू कर दी। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है।
बैंकों ने शेयर बेचने के लिए 6 अप्रैल से बोलियां मांगी
जेट एयरवेज में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए बैंकों ने 6 अप्रैल से बोली मंगवाई हैं। इच्छुक कंपनियां 9 अप्रैल तक बोली जमा कर सकती हैं। एयरलाइन के मौजूदा हालात पर विचार के लिए एसबीआई के नेतृत्व वाले बैंक समूह की गुरुवार को बैठक हुई। मीटिंग में तय हुआ कि नीलामी में अच्छा रेस्पॉन्स नहीं मिला तो दूसरे विकल्पों पर विचार किया जाएगा।
जेट पर बैंकों का 8,050 करोड़ रुपए का कर्ज है। इसकी रिस्ट्रक्चरिंग करते हुए बैंकों ने एयरलाइन में 50.1% हिस्सेदारी ले ली है। प्रमोटर नरेश गोयल की हिस्सेदारी 51% से घटकर 25% और एतिहाद की 24% से घटकर 12% रह गई है। 25 मार्च को बैंक जेट को 1,500 करोड़ रुपए देने पर सहमत हुए थे। हालांकि, एयरलाइन को अभी तक रकम नहीं मिल पाई है। सूत्रों ने बताया कि अब बैंक यह देखना चाहते हैं कि नीलामी में कंपनियां कितनी रुचि दिखाती हैं। उसी हिसाब से वो नया पैसा लगाएंगे।

