उत्पाद एवं सेवा कर के एक साल लागू होने के मौके पर मनाए जा रहे जीएसटी दिवस का मुख्य कार्यक्रम दिल्ली में आयोजित हुआ. इस मौके पर केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल, वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला और वित्त सचिव हसमुख अधिया सहित व्यापार जगत के लोग उपस्थित रहे.
जीएसटी के एक साल पूरा होने के मौके पर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया. अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी से देश में अप्रत्यक्ष करों की जटिलता खत्म हुई है. अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी के चलते टैक्स कलेक्शन में तो इजाफा हुआ ही है, इसके अलावा जरूरी चीजों पर कम टैक्स से जनता को भी राहत मिली है.
अरुण जेटली ने कहा की टैक्स का कलेक्शन बढ़ा है, इसलिए रेट्स में कमी करने और उनके रैशनलाइज करने की क्षमता में इजाफा हुआ है.
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने जीएसटी के 1 साल पूरा होने पर सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि जीएसटी ने पूरे देश में व्यापार करना आसान बनाया है और इससे पारदर्शिता भी बढ़ी है. वित्त मंत्री ने हर महीने टैक्स रिटर्न भरने की बजाय सालाना रिटर्न की बात की भी वकालत की.
वित्त सचिव हसमुख आढिया ने कहा कि जीएसटी के लागू होने से जहां एक तरफ दरों में कमी आई है, तो दूसरी तरफ राजस्व में भी बढोतरी हुई है.
जीएसटी लागू होने से अधिकांश वस्तुओं की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है. जिन जिन चीजों पर टैक्स में कमी हुई है, उनकी बात करें तो गेहूं पर 2.50 फीसदी की कमी, चावल पर 2.75 फीसदी, मैदा पर 3.50 फीसदी, शहद पर 6 फीसदी की कमी, बच्चों की किताबों पर 7 फीसदी, कोयले पर 4 फीसदी, मिनरल वाटर पर 9 फीसदी, टूथ पाउडर पर 5 फीसदी, टूथपेस्ट पर 9 फीसदी, हेयर ऑयल पर 9 फीसदी, साबुन पर 9 फीसदी, एलपीजी स्टोव पर 3 फीसदी, एक्सरे फिल्म्स पर 11 फीसदी, स्कूल बैग पर 4 फीसदी, फुटवियर पर 3 फीसदी, बांस के फर्नीचर पर 5 फीसदी और परिवहन लागत पर टैक्स में 25-30 फीसदी की कमी हुई है.
गौरतलब है कि जीएसटी लागू होने के बाद चाहे वह व्यापारी हो या फिर उपभोक्ता हर किसी को फायदा पहुंचा है, जिससे न्यू इंडिया के निर्माण में सहायता मिल रही है.
