प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वराज्य पत्रिका को दिए साक्षात्कार में जीएसटी की आलोचना करने वाले लोगों को निशाने पर लिया है. उन्होंने कहा है कि जीएसटी की प्रक्रिया में 17 करों और 23 उपकरों को एक टैक्स में समाहित किया गया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज़ादी के बाद से जीएसटी लागू होने तक पंजीकृत उद्यमों की संख्या 66 लाख थी. देश भर में चेक पोस्ट की व्यवस्था खत्म की गई. जीएसटी में राज्य सरकारों, आम लोगों, व्यापारियों और मीडिया की राय ली गई. उन्होंने कहा कि जीएसटी भारतीय सहकारी संघवाद का बेहतरीन उदाहरण है, जिसमें राज्यों की मंज़ूरी के साथ आम सहमति बनाई गई.
पीएम ने कहा कि जीएसटी की प्रणाली अगर इतनी कठिन होती, तो जीएसटी के एक साल में 48 लाख नए रजिस्ट्रेशन होना मुमकिन नहीं होता. 350 करोड़ इनवॉइस प्रॉसेस करना और 11 करोड़ रिटर्न फाइल होना भी मुमकिन ना होता.
प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी उत्पादों को एक ही श्रेणी में रखना मुश्किल है. उन्होंने सवाल किया कि क्या हम दूध और मर्सडीज पर एक समान टैक्स लगा सकते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने करीब 400 तरह के उत्पादों पर करों में कटौती की. करीब 150 तरह के उत्पादों को शून्य कर की श्रेणी में रखा गया. रोज़ाना प्रयोग होने वाले ज्यादातर उत्पाद या तो कर श्रेणी से बाहर हैं या 5 फीसदी की श्रेणी में हैं. करीब 95 फीसदी उत्पाद 18 प्रतिशत या उससे कम की श्रेणी में हैं.
