केंद्र ने गन्ना किसानों को दी बड़ी राहत, किसानों के बकाया भुगतान के लिए करीब 8000 करोड़ रुपए के पैकेज का किया एलान। चीनी के 30 लाख टन बफर स्टॉक को भी दी मंज़ूरी। उन्तीस रुपए प्रति किलो के न्यूनतम ब्रिकी मूल्य के प्रस्ताव को भी मिली हरी झंडी
गन्ना किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लिया। केन्द्र सरकार ने अब चीनी का न्यूनतम खरीद मूल्य तय किया है, तो एथनॉल के उत्पादन को बढावा देने का प्रबंध भी किया गया है। किसानों के हित संरक्षित हो सके इसके लिये सरकार ने 8000 करोड़ रुपयों के पैकेज को भी मंजूरी दी है।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए लगातार कदम उठा रही है और उन्हें हर तरह की राहत मुहैया कराने की कोशिश कर रही है । इसी कडी में बुधवार को केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों के लिए बड़ी राहत का एलान किया है । पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में गन्ना किसानों और चीनी मिलों के लिए करीब 8000 करोड़ रुपए के पैकेज को मंजूरी मिल गई । सरकार का कहना है कि इससे शुगर सेक्टर को बड़ा फायदा होगा ।
सरकार ने इस सेक्टर के लिए बुधवार को जिन कदमों का एलान किया है उनकी बात करें तो – सरकार ने चीनी के 30 लाख टन बफर स्टॉक को मंजूरी दी है । बफर स्टाक चीनी मिलें अपने पास रखेंगी और सरकार इसके बदले उन्हें 1175 करोड़ रुपए देगी । चीनी के लिए 29 रुपए प्रति किलो के न्यूनतम मूल्य के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गयी है ।इसके अलावा चीनी मिलों की एथनॉल उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने और एथनॉल की खरीद के लिए 4,500 करोड़ रुपए के साफ्ट लोन को मंजूरी दी है । इसके अलावा लोन पर पहले साल का ब्याज सरकार वहन करेगी जिसके लिए 1332 करोड़ का इंतजाम किया गया है ।
दरअसल इस साल बंपर गन्ना उत्पादन के चलते चीनी उत्पादन भी बंपर होने का अनुमान है। इस वजह से चीनी कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। इससे मिलें किसानों को गन्ने का भुगतान नहीं कर पा रही हैं। इसी के लिए सरकार गन्ना मिल मालिकों और किसानों के लिए तमाम कदम उठा रही है । सरकार इससे पहले गन्ना किसानों के लिए साढे पांच रुपए प्रति क्विटंल गन्ना के हिसाब से सहायता राशि का एलान कर चुकी है। इसके लिए 1540 करोड़ का पैकेज दिया गया है। सरकार ने चीनी के आयात के नियम कड़े कर दिए हैं और आयात शुक्ल को दोगुना किया जा चुका है। साथ ही निर्यात को आसान बनाने के लिए निर्यात शुल्क कम किया गया है। साथ ही 20 लाख टन चीनी का निर्यात कोटा तय किया गया है।
गन्ना किसानों ने भी सरकार के फैसले पर खुशी जाहिर की है। सरकार ने साफ कर दिया है किसान उसकी प्राथमिकता में है और बंपर फसल होने पर भी किसानों को परेशान होने की जरुरत नहीं है और सरकार उनके हितों का पूरा ध्यान रखेगी ।
