पीएनबी जैसे घोटालों पर लगाम लगाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों से लैटर ऑफ अंडरटेकिंग और लैटर ऑफ कम्फर्ट जारी करने की प्रथा तुरंत प्रभाव से बंद करने को कहा
पीएनबी जैसे घोटालों पर लगाम लगाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों से द्वारा लैटर ऑफ अंडरटेकिंग और लैटर ऑफ कम्फर्ट जारी करने की प्रथा तुरंत प्रभाव से बंद करने को कहा है। रिजर्व बैंक के परिपत्र में कहा गया कि ए डी श्रेणी-एक के बैंकों द्वारा भारत में आयात से जुड़े कारोबारी ऋण के लिए लैटर ऑफ अंडरटेकिंग और लैटर ऑफ कम्फर्ट जारी करने की प्रथा तुरंत प्रभाव से खत्म कर देने का निर्णय लिया गया है। लैटर ऑफ क्रेडिट जारी करना मान्य रहेगा, बशर्ते वे पहली जुलाई, 2015 को जारी किये गये बैंकिंग नियमन विभाग के प्राथमिक परिपत्र में गारंटी और सह-स्वीकृतियों से जुड़े प्रावधानों के अनुरूप हों। हाल में, पंजाब नेशनल बैंक ने लगभग 12 हजार नौ सौ 68 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जानकारी आर बी आई को दी थी। इस मामले में नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने कथित रुप से फर्जी लैटर ऑफ अंडरटेकिंग और लैटर ऑफ क्रेडिट जारी कर धोखाधड़ी की थी। गौरतलब है कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय समेत कई एजेंसियां मिलकर इस मामले की जांच कर रही हैं।
