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बिटक्वाइन में निवेश करने वालों को आयकर विभाग ने भेजा नोटिस

बिटक्वाइन में निवेश करने वालों पर अब ईडी और आयकर विभाग ने शुरु की कार्यवाही…मनी लांड्रिंग और टैक्स में चोरी के लिए सरकार कर रही है क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों की जांच

आयकर विभाग ने बिटकॉइन में अपना पैसा लगाने वाले ‘कुछ लाख’ लोगों को नोटिस भेजे हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने कहा कि अब विभाग इस तरह के निवेश पर टैक्‍स वसूली का प्रयास कर रहा है। चंद्रा ने कहा कि कर अधिकारियों के संज्ञान में आया है कि इस तरह के कई निवेशकों ने उन्हें हुए लाभ पर एडवांस टैक्‍स नहीं दिया है। वहीं कुछ दूसरों ने पिछले टैक्‍स रिटर्न में इसके बारे में स्पष्ट नहीं किया है।

विभाग ने पिछले साल दिसंबर में इन एक्सचेंजों में अखिल भारतीय स्तर पर सर्वे किया था। उन्होंने कहा कि हमने ऐसे कई निवेशकों को नोटिस भेजे हैं। इनमें से कई ने टैक्‍स अदा करने की सहमति दी है। जहां तक बिटकॉइन में किए गए निवेश का सवाल है, हम निश्चित रूप से उनसे टैक्‍स वसूलेंगे।

सीबीडीटी प्रमुख ने नोटिसों की संख्या के बारे में बताया कि यह ‘कुछ लाख’ हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा था कि बिटकॉइन सहित सभी क्रिप्टो करेंसी गैरकानूनी हैं और सरकार उन्हें समाप्त करने के लिए पूरा प्रयास करेगी।

एक अन्य सवाल के जवाब में चंद्रा ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि विभाग चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रहण के लक्ष्य को न केवल हासिल करेगा, बल्कि इसे पार भी करेगा। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था काफी बेहतर स्थिति में है। आयकर विभाग ने चालू वित्त वर्ष में 9.8 लाख करोड़ रुपए के डायरेक्‍ट टैक्‍स संग्रहण का लक्ष्य रखा है।

सूत्रों ने कहा कि कर अधिकारियों ने आयकर कानून की धारा 133 ए के तहत बिटकॉइन एक्सचेंजों का सर्वे किया है। इसके पीछे मकसद निवेशकों और कारोबारियों की पहचान के बारे में पता करना, उनके द्वारा किए गए लेनदेन, संबंधित बैंक खातों तथा अन्य जानकारियों का पता लगाना है।

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