नई दिल्ली। देश में एक तरफ पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार आसमान छू रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा है कि अगले वित्त वर्ष में भारत के अंदर पेट्रोल-डीजल और अन्य ईंधन की मांग 215.24 मिलियन टन तक पहुंचने की संभावना है। पेट्रोलियम मंत्रालय के प्लानिंग एंड एनलेसिस सेल का कहना है कि पेट्रोलियम पदार्थों की मांग में 10 फीसदी की बढ़ोतरी होगी।

अर्थव्यवस्था में सुधार की वजह से बढ़ेगी मांग
तेल मंत्रालय का मानना है कि अर्थव्यवस्था में सुधार आने की वजह से पेट्रोल और डीजल की मांग में इजाफा होगा। आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2020-21 में देश के अंदर ईंधन की खपत में 70 प्रतिशत तक की कमी आई थी, जिसकी सबसे बड़ी वजह थी देश के अंदर लगा लॉकडाउन, लेकिन 2021-22 में भारत के अंदर तेल और गैस की जो खपत होगी वो पिछले 6 साल के अंदर सबसे अधिक होगी और इसकी सबसे बड़ी वजह देश में ट्रांसपोर्ट और इंडस्ट्री सेक्टर का मजबूत होना है। आपको बता दें कि तेल आयात करने के मामले में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है।
अगले वित्त वर्ष में 13 प्रतिशत से अधिक बढ़ सकती है डीजल की खपत
पेट्रोलियम मंत्रालय ने आगामी वित्त वर्ष में डीजल की खपत में 13 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी का अनुमान जताया है। वहीं जेट ईंधन की खपत में 74 फीसदी की बढ़ोतरी की संभावना है। डीजल देश में सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला ईंधन है। वहीं चालू वित्त वर्ष में कुल ईंधन की मांग में 8.5 प्रतिशत की गिरावट की उम्मीद है। वहीं एलपीजी की मांग 4.8 से घटकर 2.9 रह गई है।

